सोमवार, 26 सितंबर 2011

क्रांति नहीं आई... संध्या शर्मा

 
बहुत शोर हो रहा था
क्रांति आ रही है... क्रांति आ रही है...?
वह सो रहा था
उठकर बैठ गया
खड़े होने की जरुरत ही नहीं पड़ी
क्योंकि क्रांति आई ही नहीं
तभी उस शोर में एक आवाज गूंजी...
क्रांति इस देश में कभी नहीं आएगी
ऐसा कभी भी नहीं होगा
जहाँ कन्या भ्रूर्ण हत्या होती हैं
वहां क्रांति जन्म कैसे लेगी... ?
और जब जन्म ही नहीं लेगी
तो फिर आएगी कैसे...???

शुक्रवार, 16 सितंबर 2011

बहने लगे आंसू... संध्या शर्मा

फिर चोट लगी
भर आई आँखे
पर आंसू नहीं बहे
नहीं बहने दिया उन्हें
अपने सीने से लगा लिया
छुपा लिया...

फिर टूटे ख्वाब
रोया दिल
भर आई आँखे
पर आंसू नहीं बहे
खुद को दिया हौसला
दिखाए नए ख्वाब...

फिर छूटे अपने
टूटे रिश्ते
फिर रोया दिल
पर नहीं बहे आंसू
समेट लिया अपने आप को
बना डाली सीमा...

फिर देखा
सिसकता बचपन
बेपरवाह जवानी
तडपती ममता
लाचार बुढ़ापा
चीख उठा मन 

नहीं रुके
बहने लगे आंसू...
   

गुरुवार, 15 सितंबर 2011

हे मानव... संध्या शर्मा


हे मानव...
हे वेदों के रचनाकार
पञ्च महाभूतों का विराट, विकराल रूप
क्यों व्यथित है, व्याकुल क्यों है?
हाथ फैलाकर बनता याचक क्यों है?
हे मानव...
तूने ही सूर्य को सूर्य कहा
तब सूर्य सूर्य कहलाया
तूने ही चाँद को चाँद कहा
तब चाँद, चाँद कहलाया
सकल विश्व का नामकरण तेरे ही हाथ हुआ
तेरी ही महिमा थी की यह सर्वमान्य हुआ
हे प्रतिभावान मानव
तू बन बैठा सर्वस्व
तूने ही आविष्कार किये
तूने ही विकसित की तकनीक
तूने ही रचे अणु, परमाणु बम
तूने ही चाँद पर रखे कदम
तेरे ही कारण सजी थी सुन्दर थी ये धरा
तेरे ही कारण नहीं रही वह पहले जैसी उर्वरा
सब कुछ तेरे कारण है सब कुछ तेरा है किया धरा...
   

 

शुक्रवार, 9 सितंबर 2011

हिसाब.... संध्या शर्मा


हादसों की खबर से दिल उनका
अब सिहरता नहीं
किसी के दर्द में हमदर्दी जताने के लिए
अब कोई निकलता नहीं
लगाने लगता है हिसाब कीमत का
किसी की लाश
किसी के दर्द
तो किसी के ज़ख्म का
क्या वह कभी दे सकेगा हिसाब...?
किसी के दर्द
किसी के अपनों
किसी के सपनो का....  ??? 

शनिवार, 3 सितंबर 2011

वक़्त... संध्या शर्मा





वक़्त के साथ
सब कुछ बदल जाता है
दुनिया, अपने, भावनाएं
और रिश्ते

वक़्त के साथ
बदल जाता है
वर्तमान भविष्य में
और भविष्य बन जाता है भूत

वक़्त के साथ
गुम हो जाते हैं
दुनिया में अपने
अपनों में भावनाएं
और बदल जाते है रिश्ते...